दोस्तों आपने भारत के प्राचीन शहर बनारस का नाम तो सुने ही होगे। वही बनारस जहां हिंदूओ की कई विशाल भव्य मंदिर हैं जिसे प्राचीन में काशी के नाम से भी जाना जाता था। आज इसे बनारस के नाम से जाना जाता है। बनारस में कई ऐसे जगह है जहां हमें घूमने में अच्छा लगता है और उस जगह से हमें कुछ ज्ञान भी प्राप्त होता है। आज आपको हम इस आर्टिकल में एक ऐसे जगह के बारे में बताएंगे जिस जगह को तुलसी घाट और हिंदी ज्ञान का महासागर कहा जाता है।
आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे है उस जगह का नाम है तुलसी घाट जो की उत्तर प्रदेश के बनारस शहर रामनगर किले के ठीक सामने स्थित है। इसे पहले लोकर्क घाट भी कहा जाता था। इस घाट मे सूर्य देव कि एक भव्य मंदिर है। सोलहवीं शताब्दी मे जब वहा पर महर्षि तुलसी दास जी गए तो उस जगह का नाम लोकर्क घाट से बदल कर तुलसी घाट रख दिया गया। आइए जानते है इस घाट के बारे में को आखिर यह घाट क्या है और यह घाट इतना प्रसिद्ध क्यों है।
तुलसी घाट क्या है? (What is Tulsi Ghat)
हम आपको बता दे कि गंगा नदी पर बना एक घाट है जिसका नाम तुलसी घाट है। यह घाट लगभग 4 मिल लंबा है और इस घाट के अंदर लगभग 84 छोटे छोटे घाट है। इस घाट का नाम लीकर्क घाट से बदलकर तुलसी घाट इसलिए रख दिया गया क्योंकि ऐसा माना जाता है कि महर्षि तुलसी दास जी अपने जिंदगी के आखिरी दिन को यही बिताए थे। वाराणसी के तुलसी घाट के 84 घाट में पांच ऐसे घाट है जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है जिसे पंचतीर्थ भी कहा जाता है। उन पाचो घाट का नाम कुछ इस प्रकार से है। असी घाट, दशाश्वमेध घाट, आदिकेशव घाट, पंचगंगा घाट तथा मणिकर्णिका घाट।
इस प्रसिद्ध जगह का इतिहास (History of Tulsi Ghat)
दोस्तो अब हम आपको तुलसी घाट के इतिहास के बारे में बताते है। ऐसा माना जाता है कि जो भी स्त्री शादी के बहुत दिन बाद भी मा नहीं बन पाती है या आसान भाषा मे कहे तो जो स्त्री मा नहीं बन पाती है और उसे अन्दर से लगता है कि उसमें कोई दोष है तो वह तुलसी घाट के लोकार्क कुंड में जाके स्नान करती है ताकि वह मा बन सके। इस कुंड का और इस जगह कि यही मान्यता है कि जो भी स्त्री मा नहीं बन पाती है वह अगर इस कुंड में एक बार जाकर स्नान कर ले तो वह मा बन जाती है।
आखिर तुलसी घाट में क्या है खास (What is Special About this Place?)
दोस्तों आपको बता दें कि तुलसी घाट में तीन दिवसीय मेला लगता है जो कि बहुत ही ज्यादा खास है। संत तुलसीदास जी के द्वारा यहां पर श्री कृष्ण के भोजन का आयोजन किया गया था जो अभी तक चल रहा है। यहां पर तुलसीदास जी के द्वारा राम नाम संकीर्तन का आयोजन किया गया था जिससे लोगों ने बनाए रखा है और अभी तक यह कीर्तन चल रहा है सारे भक्त यहां पर आकर कीर्तन करते हैं और जो भी यहां पर आते हैं वहां से प्रसाद खाकर ही जाते हैं।
यहां पर लगता है मेला (Tulsi Ghat Fair)
इस घाट की एक खास बात यह भी है कि यहां पर एक विश्व प्रसिद्ध मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले का नाम ध्रुपद मेला है। यह मेला इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि इस मेले में सारी चीजें मिलती है और इस मेले में जाना लोग शुभ समझते हैं। लोगों का यह भी मानना है कि यह मेला जब लगता है उस समय अगर हम सूर्य देव के मंदिर में जाकर अगर कुछ मांगते हैं तो हमारा वर पूरा होता है क्योंकि इस मेले को बहुत ही शुभ मुहूर्त में आयोजित किया जाता है।
इसके अलावा और क्या है बनारस में खास (Apart from Tulsi Ghat, What is Special in Banaras)
दोस्तों हम आपको बता दें कि बनारस में सिर्फ तुलसी घाट ही प्रसिद्ध नहीं है बल्कि तुलसी घाट के अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो प्रसिद्ध है और बनारस के नाम को रोशन करती हैं। उनमें से एक बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी भी है। जिसे शॉर्ट फॉर्म में बीएचयू भी कहा जाता है। बीएचयू यूनिवर्सिटी पूरे एशिया की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है। इस यूनिवर्सिटी में लोग पढ़ने के अलावा इस यूनिवर्सिटी को देखना भी चाहते हैं। क्योंकि इस यूनिवर्सिटी में कई ऐसे जगह हैं जो देखने लायक है। साथ ही यह यूनिवर्सिटी एशिया का सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी है इसलिए भी लोग इसे देखना चाहते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
दोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल में बनारस के प्रसिद्ध घाट तुलसी घाट के बारे में बताया। तो उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा और इसमें दी गई सारी जानकारी आपको बिल्कुल अच्छे से समझ में आ गई होगी। तो अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और साथ ही अगर आप चाहें तो इसे अपने सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते हैं।